भारतीय संस्कृति में मानव जीवन के लक्ष्य भौतिक सुख तथा आध्यात्मिक आनंद की प्राप्ति के लिए अनेक देवी देवताओं की पूजा का विधान है जिनमें माँ दुर्गा शक्तिकी उपासना प्रमुख हैं। माँ दुर्गा शक्ति की उपासना को उतना ही प्राचीन माना जाता है , जितना शिववांङ्मय में सर्वप्राचीन साहित्य अपौरुषेय वेद को। यही कारण है कि देवी कहती हैं- 'मैं रुद्रों एवं वसुओं के रूप में विचरण करती हूं।

माँ दुर्गा शक्ति की उपासना से जीव का कल्याण होता है। माँ दुर्गा शक्ति सभी जीवों की रक्षा करने वाली है। सृष्‍टि का संहार और पालन करने की अपार शक्ति उनके पास है। माँ अपने भक्तों के लिए सदैव भक्तों ने हर प्रकार की पूजा और विधान से मां दुर्गा को प्रसन्न करने के जतन किए। लेकिन अगर

आप व्यस्तताओं के चलते ‍विधिवत आराधना ना कर सकें तो मात्र 108 नाम के जाप करें

दुर्गा जी के 108 नाम

महारानी जग कल्याणी तेरी वाहन कमाल है शेर की सवारी माँ तुम्हारी बे मिसाल है

ॐ अस्य श्रीदुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमन्त्रस्य नारायण ॠषिः, अनुष्टुप

छन्दः, श्रीमहाकाली-महालक्ष्मी-महासरस्वत्यो देवताः,

सप्तश्लोकी दुर्गापाठे विनियोगः ।

1-ॐज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति ॥ १ ॥

2 - दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि ।

दारिद्र्यदुःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता ॥ २ ॥

3 - सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।शरण्ये त्र्यंम्बके गौरि नारायणि नमोस्तु ते ॥ ३ ॥ 4 - शरणागतदीनार्तपरित्राणे । सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोस्तु ते ॥ ४ ॥

5 - सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते ।भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोस्तु ते ॥ ५ ॥

6 - रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् । त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां

7 - त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्र्यन्ति ॥ ६ ॥सर्वबाधाप्रश्मनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्र्वरि ।एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनाशनम् ॥ ७ ॥

देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌।

रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

1-सती 2-वैष्णवी 3-चामुंडा 4-साध्वी 5-वाराही 6-भवानी 7-भवप्रीता 8-लक्ष्मी 9-भवमोचनी 10-पुरूषाकृति 11-आर्या 12-विमला 13-दुर्गा 14-उत्कर्षिणी 15-जया 16-ज्ञाना 17-आद्या 18-शूलधारिणी 19-बुद्धिदा 20-पिनाकधारिणी 21-क्रिया 22-त्रिनेत्रा 23-नित्या 24-चंद्रघंटा 25-सर्ववाहनवाहना 26-बहुला 27-चित्रा 28-निशुम्भशुम्भहननी 29-मन: 30-महिषासुरमर्दिनि 31-शक्ति 32-बहुलप्रेमा 33-महातपा 34-मधुर्कटभहंत्री 35-अहंकारा 36-चण्डमुण्डविनाशिनि 37-चित्तरूपा 38-सर्वअसुरविनाशिनि 39-चिता 40-सर्वदानघातिनी 41-चिति 42-सर्वशास्त्रमयी 43-सर्वमंत्रमयी44-सत्ता 45-सर्वअस्त्रधारिणी46-सत्यानंदस्वरुपिणी 47-अनेकशस्त्रहस्ता48-अनन्ता 49-अनेकास्त्रधारिणी 50-भाविनि 51-कुमारी 52-भाव्या 53-एककन्या 54-भव्या 55-कैशोरी 56-अभव्या 57-युवति58-सदागति 59-यति: 60-शाँभवि 61-अप्रौढ़ा 62-देव माता 63-प्रौढा़ 64-चिंता 65-वृद्धमाता 66-रत्नप्रिया 67-बलप्रदा 68-सर्वविद्या 69-महोदरी70-दक्षकन्या 71-मुक्तकेशी 72-दक्षयज्ञविनाशिनी 73-घोररूपा74-अपर्णा 75-महाबला76-अनेकवर्णा 77-अग्निज्वाला 78-पाटला 79-रुद्रमुखी80-पाटलावती81-कालरात्रि 82-पट्टाम्बरपरिधाना 83-तपस्विनी 84-कलमंजिररंजिनी 85-नारायणी86-अमेय विक्रमा 87-भद्रकाली88-क्रूरा 89-विष्णुमाया 90-सुंदरी 91-जलोदरी 92-सुरासुंदरी 93-शिवदूती 94-वनदुर्गा 95-कराली 96मांतंगी 97-अनंता 98-मतंगमुनिपूजिता 99-परमेश्वरी 100-ब्राह्मी 101-कात्यायनी 102-माहेश्वरी 103-सावित्री 104-ऎंद्री 105-प्रत्यक्षा 106-कौमारी 107-ब्रह्मवादिनी 108-बुद्धिबुद्ध

इससे भी माता प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती है। भक्तों के रोगों और शोकों का नाश होता है तथा उसे आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है। माँ जगत् की प्राणाधार हैं और अपने भक्तों की रक्षा के लिए आश्चर्यजनक प्रमाण प्रकट किया करती हैं।

भक्त इसलिए करते हैं ताकि उनका जीवन सफल हो सके माँ दुर्गा शक्ति अपने भक्तों की सभी प्रकार की बाधाओं एवं संकटों से उबारने वाली हैं और इनकी कृपा से समस्त पाप और इनकी मुद्रा सदैव युद्ध के लिए अभिमुख रहने की होती हैं, अत:भक्तों के कष्ट का निवारण ये शीघ्र कर देती हैं । माँ दुर्गा शक्ति के अवतार पराक्रम की असंख्य गाथाएं प्रचलित हैं। देश के प्रत्येक क्षेत्र में माँ दुर्गा शक्ति की पूजा की अलग परम्परा है। सभी भक्त अपनी-अपनी श्रद्धा के अनुसार अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा और उपासना करते है। परंतु इस युग में भगवान शिव और माँ दुर्गा शक्ति के अवतार को सबसे ज़्यादा पूजा जाता है।

इस ब्लॉग के माध्यम से हिन्दू धर्म को सम्‍पूर्ण विश्‍व में जन-जन तक पहुचाना चाहता हूँ और इसमें आपका साथ मिल जाये तो और बहुत ख़ुशी होगी।

यह ब्लॉग श्रद्धालु भक्तों की जानकारी तथा उनके मार्गदर्शन के ध्येय हेतु अर्पित एक पूर्णतया अव्यावसायिक ब्लॉग वेबसाइट है।

अगर कुछ त्रुटी रह जाये तो मार्गदर्शन व अपने सुझाव व परामर्श देने का प्रयास करें।..पर्व-त्यौहार नीचे हैअपना परामर्श और जानकारी इस नंबर +919723187551 पर दे सकते हैं।

आप मेरे से फेसबुक पर भी जुङ सकते हैं। facebook followers

धर्मप्रेमी दर्शन आपकी सेवा में हाजिर है सभी धर्म प्रेमियोँ को मेरा यानि पेपसिह राठौङ तोगावास कि तरफ से सादर प्रणाम।- पेपसिह राठौङ तोगावास

भारतीय संस्कृति में मानव जीवन के लक्ष्य भौतिक सुख तथा आध्यात्मिक आनंद की प्राप्ति के लिए अनेक देवी देवताओं की पूजा का विधान है जिनमें माँ दुर्गा शक्तिकी उपासना प्रमुख हैं। माँ दुर्गा शक्ति की उपासना को उतना ही प्राचीन माना जाता है , जितना शिववांङ्मय में सर्वप्राचीन साहित्य अपौरुषेय वेद को। यही कारण है कि देवी कहती हैं- 'मैं रुद्रों एवं वसुओं के रूप में विचरण करती हूं।

माँ दुर्गा शक्ति की उपासना से जीव का कल्याण होता है। माँ दुर्गा शक्ति सभी जीवों की रक्षा करने वाली है। सृष्‍टि का संहार और पालन करने की अपार शक्ति उनके पास है। माँ अपने भक्तों के लिए सदैव भक्तों ने हर प्रकार की पूजा और विधान से मां दुर्गा को प्रसन्न करने के जतन किए। लेकिन अगर

आप व्यस्तताओं के चलते ‍विधिवत आराधना ना कर सकें तो मात्र 108 नाम के जाप करें

दुर्गा जी के 108 नाम

महारानी जग कल्याणी तेरी वाहन कमाल है शेर की सवारी माँ तुम्हारी बे मिसाल है

ॐ अस्य श्रीदुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमन्त्रस्य नारायण ॠषिः, अनुष्टुप

छन्दः, श्रीमहाकाली-महालक्ष्मी-महासरस्वत्यो देवताः,

सप्तश्लोकी दुर्गापाठे विनियोगः ।

1-ॐज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति ॥ १ ॥

2 - दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि ।

दारिद्र्यदुःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता ॥ २ ॥

3 - सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।शरण्ये त्र्यंम्बके गौरि नारायणि नमोस्तु ते ॥ ३ ॥ 4 - शरणागतदीनार्तपरित्राणे । सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोस्तु ते ॥ ४ ॥

5 - सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते ।भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोस्तु ते ॥ ५ ॥

6 - रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् । त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां

7 - त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्र्यन्ति ॥ ६ ॥सर्वबाधाप्रश्मनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्र्वरि ।एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनाशनम् ॥ ७ ॥

देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌।

रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

1-सती 2-वैष्णवी 3-चामुंडा 4-साध्वी 5-वाराही 6-भवानी 7-भवप्रीता 8-लक्ष्मी 9-भवमोचनी 10-पुरूषाकृति 11-आर्या 12-विमला 13-दुर्गा 14-उत्कर्षिणी 15-जया 16-ज्ञाना 17-आद्या 18-शूलधारिणी 19-बुद्धिदा 20-पिनाकधारिणी 21-क्रिया 22-त्रिनेत्रा 23-नित्या 24-चंद्रघंटा 25-सर्ववाहनवाहना 26-बहुला 27-चित्रा 28-निशुम्भशुम्भहननी 29-मन: 30-महिषासुरमर्दिनि 31-शक्ति 32-बहुलप्रेमा 33-महातपा 34-मधुर्कटभहंत्री 35-अहंकारा 36-चण्डमुण्डविनाशिनि 37-चित्तरूपा 38-सर्वअसुरविनाशिनि 39-चिता 40-सर्वदानघातिनी 41-चिति 42-सर्वशास्त्रमयी 43-सर्वमंत्रमयी44-सत्ता 45-सर्वअस्त्रधारिणी46-सत्यानंदस्वरुपिणी 47-अनेकशस्त्रहस्ता48-अनन्ता 49-अनेकास्त्रधारिणी 50-भाविनि 51-कुमारी 52-भाव्या 53-एककन्या 54-भव्या 55-कैशोरी 56-अभव्या 57-युवति58-सदागति 59-यति: 60-शाँभवि 61-अप्रौढ़ा 62-देव माता 63-प्रौढा़ 64-चिंता 65-वृद्धमाता 66-रत्नप्रिया 67-बलप्रदा 68-सर्वविद्या 69-महोदरी70-दक्षकन्या 71-मुक्तकेशी 72-दक्षयज्ञविनाशिनी 73-घोररूपा74-अपर्णा 75-महाबला76-अनेकवर्णा 77-अग्निज्वाला 78-पाटला 79-रुद्रमुखी80-पाटलावती81-कालरात्रि 82-पट्टाम्बरपरिधाना 83-तपस्विनी 84-कलमंजिररंजिनी 85-नारायणी86-अमेय विक्रमा 87-भद्रकाली88-क्रूरा 89-विष्णुमाया 90-सुंदरी 91-जलोदरी 92-सुरासुंदरी 93-शिवदूती 94-वनदुर्गा 95-कराली 96मांतंगी 97-अनंता 98-मतंगमुनिपूजिता 99-परमेश्वरी 100-ब्राह्मी 101-कात्यायनी 102-माहेश्वरी 103-सावित्री 104-ऎंद्री 105-प्रत्यक्षा 106-कौमारी 107-ब्रह्मवादिनी 108-बुद्धिबुद्ध

इससे भी माता प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती है। भक्तों के रोगों और शोकों का नाश होता है तथा उसे आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है। माँ जगत् की प्राणाधार हैं और अपने भक्तों की रक्षा के लिए आश्चर्यजनक प्रमाण प्रकट किया करती हैं।

भक्त इसलिए करते हैं ताकि उनका जीवन सफल हो सके माँ दुर्गा शक्ति अपने भक्तों की सभी प्रकार की बाधाओं एवं संकटों से उबारने वाली हैं और इनकी कृपा से समस्त पाप और इनकी मुद्रा सदैव युद्ध के लिए अभिमुख रहने की होती हैं, अत:भक्तों के कष्ट का निवारण ये शीघ्र कर देती हैं । माँ दुर्गा शक्ति के अवतार पराक्रम की असंख्य गाथाएं प्रचलित हैं। देश के प्रत्येक क्षेत्र में माँ दुर्गा शक्ति की पूजा की अलग परम्परा है। सभी भक्त अपनी-अपनी श्रद्धा के अनुसार अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा और उपासना करते है। परंतु इस युग में भगवान शिव और माँ दुर्गा शक्ति के अवतार को सबसे ज़्यादा पूजा जाता है।

इस ब्लॉग के माध्यम से हिन्दू धर्म को सम्‍पूर्ण विश्‍व में जन-जन तक पहुचाना चाहता हूँ और इसमें आपका साथ मिल जाये तो और बहुत ख़ुशी होगी।

यह ब्लॉग श्रद्धालु भक्तों की जानकारी तथा उनके मार्गदर्शन के ध्येय हेतु अर्पित एक पूर्णतया अव्यावसायिक ब्लॉग वेबसाइट है।

अगर कुछ त्रुटी रह जाये तो मार्गदर्शन व अपने सुझाव व परामर्श देने का प्रयास करें।..पर्व-त्यौहार नीचे हैअपना परामर्श और जानकारी इस नंबर +919723187551 पर दे सकते हैं।

आप मेरे से फेसबुक पर भी जुङ सकते हैं। facebook followers

धर्मप्रेमी दर्शन आपकी सेवा में हाजिर है सभी धर्म प्रेमियोँ को मेरा यानि पेपसिह राठौङ तोगावास कि तरफ से सादर प्रणाम।- पेपसिह राठौङ तोगावास

Monday 5 January 2015

ओम बना



                                                        ओम बना 

ओम बना


राह में भटके यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचाती है यह दिव्य आत्मा !!
स्थानीय लोग ओम बन्ना के इस मंदिर को बुलेट बाबा का मंदिर कहकर बुलाते हैं.

विविधताओं से भरे हमारे देश में आपने लोगों को मदिर, मस्जिद, चर्च और गुरूद्वारे में मत्‍था टेकते देखा होगा । हमारे देश में देवताओं,इंसानों,पशुओं,पक्षियों व पेडों की पूजा अर्चना तो आम बात है, लेकिन क्‍या आपने कभी किसी को मोटरसाइकिल के सामने मत्‍था देक कर अपनी जिंदगी की सलामती दुआ करते देखा है।यदि नहीं देखा है, तो जनाब आइये राजस्‍थान। मरूभूमि राजस्थान अपने प्रख्यात मंदिरों के लिए जाना जाती है।

सबसे खास बात यह है कि यहां के सभी मंदिर अपने पीछे कोई न कोई रोचक कहानी समेटे हैं। वैसे ही राजस्‍थान दुनिया भर के आश्‍चर्यो और रहस्‍यों से भरा हुआ है, ऐसे में एक और  आश्‍चर्यजनक बात यह है कि यहां पर लोग जहाँ इन्सान की मौत के बाद उसकी पूजा के साथ ही साथ उसकी बुलेट मोटर साईकिल की भी पूजा होती है, और बाकायदा लोग उस मोटर साईकिल के सामने मत्‍था टेकतें हैं  और मन्नत मांगते है| लेकिन न केवल आम लोग मत्‍था टेकतें है बल्कि उस इलाके की सुरक्षा की जिम्‍मेदारी जिनके कंधों पर है यानी कि पुलिस वाले भी इस मोटरसाइकिल की खुब पूजा करतें हैं। इस चमत्कारी मोटर साईकिल ने आज से लगभग 26 साल पहले सिर्फ स्थानीय लोगों को ही नहीं बल्कि सम्बंधित पुलिस थाने के पुलिस वालो को भी चमत्कार दिखाकर आश्चर्यचकित कर दिया था और यही कारण है कि,  आज भी इस थाने में नई  नियुक्ति पर आने वाला हर पुलिस कर्मी ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले यहाँ मत्था टेकने जरुर आता है |
ओम बनामंदिर में रखी है ओम बन्ना की बुलेट   RNJ  7773

अब आप सोच रहें होंगे कि आखिर ऐसा क्‍या है इस मोटरसाइकिल में जो लोग इसकी पूजा अर्चना करतें है तो आइये मै आपको बतातें हैं इसके पीछे छिपे रहस्‍य के बारें में...............
राजस्‍थान से अहमदाबाद जाने वाले राष्‍ट्रीय राजमार्ग पर पाली एक जगह पड़ता है।
यह है ओम बाना का चबूतरा जहां, पर लोग पूर्जा अर्चना आदि करते हैं। रोजाना यहां हजारों की संख्‍या में लोग आते हैं।
राजस्थान के जोधपुर-पाली हाइवे नंबर 65 पर स्थित पाली ज़िले के, चोटिला गांव के निवासी ओम बना अर्थात ओम सिंह राठौड़ पाली शहर के पास ही स्थित चोटिला गांव के ठाकुर जोग सिंह जी राठौड़ के पुत्र थे।  गर्मियों की  रात  जब 25 वर्षीय ओम सिंह राठौड़ (ओम बन्ना) इसी राजमार्ग पर  वे अपनी (बुलेट 350) मोटर साईकिल पर गांव जा रहे थे तो ... 02 दिसंबर 1988 को सड़क दुर्घटना में देहांत हो गया था। यह स्थान जोधपुर पाली हाईवे पर पाली से लगभग 20 किलोमीटर दूर रोहित थाना क्षेत्र में बुलेट बाबा के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। ओम बन्ना की 350 सीसी रॉयल एनफ़ील्ड बुलेट शीशे के एक आवरण में पूजास्थल पर रखी गई है। अब सीकर, बाड़मेर आदि में भी ओम बन्ना को सड़क सुरक्षा दूत के रूप में पूजा जाने लगा है।

ओम बन्ना के पुत्र महापराक्रमी सिंह कहते हैं, “यह सड़क मार्ग घुमावदार मोड़ों की वजह से दुर्घटनाओं का केंद्र था और मेरे पिता की मृत्यु भी इसी कारण से हुई। पर पिछले कुछ सालों में इस स्थान पर कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार इस स्थान पर हर रोज कोई न कोई वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाया करता था। जिस पेड के पास ओम सिंह राठौड़ की दुर्घटना घटी। उसी जगह पता नहीं। कैसे कई वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते। यह रहस्य ही बना रहता था। कई लोग यहाँ दुर्घटना के शिकार बन अपनी जान गँवा चुके थे ।


मोटरसाइकिल के बारे में कहा जाता है, कि एक्सिडेंट में ओम सिंह की तत्काल मौत हो गई। लोकल पुलिस मोटरसाइकिल को पुलिस थाने लेकर चली गई लेकिन दूसरे दिन मोटरसाइकिल वापस एक्सिडेंट वाली जगह पर पहुंच गई, जहां एक्सिडेंट हो गया था।  ओम बन्ना की मोटरसाइकिल के चमत्कारिक होने के बारे में भी कई किंवदंतियां हैं। कि कुछ लोगों ने ओम बन्ना से मिलती-जुलती आकृति को दुर्घटनास्थल के आसपास देखने का दावा किया है। कहा जाता है कि जब मोटरसाइकिल को रोहित पुलिस थाने पर ले जाया गया, तो इसमें ख़ुदबख़ुद 'स्टार्ट' हो जाने की आवाज़ आती थी।  जब इस मोटरसाइकिल को घर वापस लाने पर भी ऐसा ही हुआ ख़ुदबख़ुद 'स्टार्ट' हो जाने की आवाज़ आती थी।  कहा जाता है कि इस हादसे के बाद पुलिस वाले इस मोटर साइकिल को थाने ले आए लेकिन दूसरे दिन सुबह ही थाने से यह मोटर साइकिल गायब हो गई। तलाश करने पर मोटर साइकिल उसी दुर्घटना स्थल पर ही पाई गई।

किवदंती है कि पुलिसकर्मी कई बार मोटर साइकिल को दुबारा थाने लाए और यहां तक कि उसका पैट्रोल टैंक भी खाली किया लेकिन हर बार यह मोटर साइकिल थाने से गायब हो दुर्घटना स्थल पर अपने आप पहुँच जाती। आखिर पुलिस कर्मियों व ओम सिंह के पिता ने ओम सिंह की आत्मा की इच्छा समझ उस मोटर साइकिल को उसी पेड़ के पास रख दिया।

कहा जाता है कि इसके बाद रात्रि में वाहन चालको को ओम सिंह की आत्मा अक्सर वाहनों को दुर्घटना से बचाने के उपाय करते व चालकों को रात्रि में दुर्घटना से सावधान करते दिखाई देने लगे। ओम बन्ना ने दादी के स्वप्न में आकर दुर्घटना स्थल पर 'थान' (पूजा स्थल) बनाने को कहा था।
तो ओम बन्ना के पिता जोग सिंह ने घटनास्थल पर एक छोटा सा पूजा स्थल बनवा दिया।
मुख्य हाइवे के पास ही स्थित यह स्थान हाल ही के दिनों में बहुत चर्चित हुआ है। सड़क के किनारे जंगल में लगभग 20-25 प्रसाद व पूजा अर्चना के सामान से सजी दुकाने दिखाई देती है और साथ ही नजर आता है भीड़ से घिरा एक चबूतरा जिस पर ओम बन्ना की एक बड़ी सी फोटो और अखंड जलती ज्योत।

नजदीक ही चबूतरे के पास नजर आती है एक फूल मालाओं से लदी बुलेट मोटर साइकिल।
बताया जाता है कि ओम बन्ना की आत्मा उस दुर्घटना संभावित जगह तक पहुँचने वाले वाहन को जबरदस्ती रोक देता या धीरे कर देता ताकि उनकी तरह कोई और वाहन चालक असामयिक मौत का शिकार न बने। ऎसी कई किवदंतियां यहां रहने वाले लोगों के मुंह से सुनी जा सकती है जिसमें ओम बन्ना की आत्मा ने उनकी जान बचाई।


ओम सिंह राठौड़ के मरने के बाद भी उनकी आत्मा द्वारा इस तरह का नेक काम करते देखे जाने पर वाहन चालकों व स्थानीय लोगों में उनके प्रति श्रद्धा बढ़ती गयी । और इसी श्रद्धा का नतीजा है कि ओम बना के इस स्थान पर हर वक्त उनकी पूजा अर्चना करने वालों की भीड़ लगी रहती है । उस राजमार्ग से गुजरने वाला हर वाहन यहाँ रुककर ओम बना को नमन कर ही आगे बढ़ता है । और दूर दूर से लोग उनके स्थान पर आकर उनमे अपनी श्रद्धा प्रकट कर उनसे व उनकी मोटर साईकिल से मन्नत मांगते हैं ।
आज ये स्थान हर आने जाने वाले चालक को गाडी सड़क नियमों का पालन करते हुए चलाने की सीख देता है।

लोगों की आस्था ऐसी बढ़ी कि अब हर साल ओम बन्ना की पुण्यतिथि मार्गशीर्ष माह की कृष्णपक्ष अष्टमी पर यहां मेला लगता है और हज़ारों श्रद्धालु अपने मंगलमय और सुरक्षित जीवन की मन्नत मांगने आते हैं।"लोगों की आस्था है कि इस मंदिर में मत्था टेकेंगे तो अकाल मृत्यु नहीं होगी।"
ओम बनामंदिर में रखी है ओम बन्ना की बुलेट




No comments:

Post a Comment